नमस्कार। .... में नीलम यादव , और आपका स्वागत करती हु। जैसा की हम जानते है की 8 मार्च को विश्व महिला दिवस था, और मुझे बहुत ख़ुशी हे की इस दुनिया में महिलाओ के लिए एक दिन रखा गया है। लेकिन क्या आपको पता है की इसी दिन को विश्व में महिला दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है, क्योकि ऐसा कहा जाता है की इस दिन दुनिया में किसी भी लड़की या एक औरत का अपह्रण नहीं किया गया था। केवल आज ही के दिन वह खुवसूरत दिन था जिस दिन इस दुनिया में कोई भी लड़की उस दर्दनाक हादसे का शिकार नहीं हुई थी।
और में भगवान् से दुआ करुँगी की साल के सभी दिन इसी पहले दिन की तरह खूवसूरत हो जाए। असलियत में एक लड़की कैसी होती है और उसकी आत्मा इस दुनिया से क्या कहना चाहती है वो में इन कुछ पंक्तियॉ के सहारे बताना चाहती हु------------------------
कांच नहीं,मिटटी हु
टूटी हु, फूटी हु
आंधियो में उड़ती हु ,
गहरो जमती हु,
मिटति ही रहती हु ,
व्यर्थ नही हु.
पैरो से रौंध लो ,
खेतो में जोत दो,
भट्टियों में झोंक दो,
नदियो में फेंक दो
फूल पर खिलाऊँगी ,
फसले फिर ऊगाउंगी ,
घर नए वसाउंगी ,
ठोस बनके उभरूंगी ,
नए शहर वानाउंगी।
कांच नहीं मट्टी हु ,
हार नहीं पाऊँगी।
"मंजुला सक्सेना "
लड़कियों को आज के जामने में मानसिक और शारिरीक दोनों तरह से स्ट्रांग होने की जरुरत है। तो चलिए आज हम बात करते है की शारिरीक रूप से स्ट्रांग होने के लिए हमें क्या करना चाहिए। तो आज हम बात करते है पावर योग ----- जी हां यह योगा आपको शारीरिक रूप से स्ट्रांग
पावर योगा --